अंजलि यादव,
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया,
नई दिल्ली: दुनिया के कई देशों में इस वक्त कोरोना के नए वेरिएंट ‘Omicron’ ने दहशत पैदा कर दी है. कोरोना का यह नया वेरिएंट सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में मिला है, इस नए वैरिएंट को लेकर चारों तरफ चिंता का माहौल बना हुआ है. कई देशों ने तो इससे बचने के लिए साउथ अफ्रीका से आने जानेवाले यात्रियों की यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिए है. ऐसे देशों में अमेरिका और कनाडा भी शामिल हैं. इसके साथ ही, इस बात पर भी मंथन होने लगा है कि क्या कोरोना वायरस की मौजूदा वैक्सीन इस नए वेरिएंट के खिलाफ काम करेंगी या नहीं.
वैक्सीन बनानेवाली कंपनियों ने कही है ये बात
इस सवाल पर कोरोना वैक्सीन बनानेवाली कंपनियां फाइजर और बायोएनटेक ने बयान जारी किया है. बयान में कहा गया कि इस बात को लेकर निश्चितता नहीं है कि उनका टीका नए COVID-19 वेरिएंट ‘Omicron’ के खिलाफ कारगर साबित होगा. हालांकि, स्पुतनिक की रिपोर्ट के अनुसार, Pfizer और BioNTech ने लगभग 100 दिनों में नए वैरिएंट के खिलाफ नया टीका विकसित करने का वादा भी किया है.
वैक्सीन की कंपनियों ने अपने बयान में कहा है कि, ‘फाइजर और बायोएनटेक को उम्मीद है कि वह लगभग 100 दिनों में नए वेरिएंट के खिलाफ वैक्सीन विकसित करने और उत्पादन करने में
सक्षम हैं, जो नियामक अनुमोदन के अधीन है.” स्पुतनिक की रिपोर्ट के अनुसार, फाइजर और बायोएनटेक ने कहा कि वे अगले दो हफ्तों के भीतर ‘Omicron’ पर अधिक डेटा को हासिल करने की उम्मीद करते हैं.
वहीं, फाइजर और बायोएनटेक ने कहा कि ऐसा देखा गया है कि यह वेरिएंट पहले वालों से काफी अलग है. दवा कंपनियों ने इस बात को रेखांकित किया कि उन्होंने महीनों पहले अपने टीके को नए संभावित वेरिएंट के अनुकूल बनाने पर काम करना शुरू कर दिया था.
WHO ने नए वैरिएंट का नाम दिया ‘Omicron’
बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने घोषित किया है कि उसने कोरोना के एक नए स्ट्रेन B.1.1.1.529 की पहचान की है, जो सबसे पहले दक्षिणी अफ्रीका में पाया गया था. WHO ने इस वेरिएंट का नाम ‘Omicron’ रखा है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक सलाहकार समिति ने दक्षिण अफ्रीका में पहली बार सामने आए कोरोना वायरस के नए वेरिएंट को ‘बेहद तेजी से फैलने वाला चिंताजनक प्रकार’ करार दिया है. संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी की ओर से शुक्रवार को की गई यह घोषणा पिछले कुछ महीनों में वायरस के नए प्रकार की कैटिगरी में पहली बार की गई है. इसी कैटिगरी में कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट को भी रखा गया था जिसका प्रसार दुनियाभर में हुआ था और भारत में भी दूसरी लहर के लिए इसे जिम्मेदार बताया गया था.
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